Wednesday 15 January 2014

चिड़ियाघर में 21 चीतल की मौत .




छतीसगढ़ के बिलासपुर में कानन पेंडारी के चिड़ियाघर में आज बाड़े में 21चीतल मरे मिले,एक ही रात में इतने चीतल में मौत का रहस्य अभी बझा नहीं जा सका है,मारने वाली सभी मादा हैं और उनके शावक है,जबकि सभी नर सुरक्षित हैं.! इस बाड़े की शेष 15 मादा और 18 नर चीतल को साथ के बाड़े में कर दिया गया है. 

कानन पेंडारी बिलासपुर से कोई नौ किमी दूर है और यहाँ बाघ,शेर,हिप्पो,सहित 55 प्रजातियों के वन्यजीव रखे गए है,.डीएफओ हेमंत पाण्डेय ने बताया की मौत के कारणों का पता लगाने विशेषज्ञों की टीम बना दी गई है. बताया गया है की रात 'दाना' दिया गया था, तब सब कुछ सामान्य था. आज सुबह रूटीन में जब कर्मचारी बाड़े में गया तो उसने देखा और अधिकारियों को खबर दी. ये बाड़ा कोई चार हैक्टेयर का है.

मौके पर ये पाया गया की जहाँ मादा चीतल ने दमतोड़ा है वहां,उनके मुँह से खून गिरा है.ऐसा समझा जा रहा है की संध्या जो दाना दिया गया वो कुछ विषाक्त रहा होगा जिसका असर छौनों और नर से कमजोर मादा चीतल पर पड़ा होगा.वैसे भी 'कैटल फीड' में यूरिया को मिलाना आम है और इसकी अधिक मात्रा जहर बन सकती है. फ़िलहाल ये विवेचना का विषय है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ये वस्तुगत स्थिति जाहिर होगी.

कुछ मादा चीतल का पेट फाड़ा गया है जो रात में किसी मुर्दाखोर जीव की करामत लगती है.यदि ये सुबह हुआ है तो चिड़ियाघर प्रबन्धन के बेहद लापरवाही की मिसाल होगी . यहाँ से अधिक बढ़ने पर चीतलो को अचानकमार टाइगर रिजर्व में समय समय पर छोड़ा जाता रहा है..!तब भी कुछ चीतल के मरने की जानकरी मिलती रही..पर इस बड़ी तादात में मौत का कारण अभी साफ नहीं है..!

यदि इस पोस्ट को कोई जानकार पढ़े या आपके इलाके के किसी चिड़ियाघर में ऐसा कोई मामला हुआ हो और उसके कारण पता हो तो जरूर लिखे ताकि इस गुत्थी को सुलझने में मदद मिले ..!


फालोअप -
प्रारम्भिक जाँच बाद ये माना जा रहा है की ये मौतें एन्थ्रेस' के कारण हुई हैं,चिड़ियाघर को एक हफ्ते के लिए बंद कर दिया गया है- तीन सदस्यों की विवेचना कमेटी दो दिनों में अपनी रिपोर्ट देगी ..!

कुछ सवाल जो अनुतरित हैं -
1. एन्थ्रेस, मादा और शावको पर ही कहर क्यों बना.
2.फोटो में दिख रहा पेट के हिस्से को किसी ने खाया है ये किस की करतूत है.
3.क्या इस बीमारी से बारह घंटे में इनती मौत हो जाती है और बाकी प्रभावित भी न हो.
4 पहले किसी चिड़ियाघर में क्या इस तरह का हादसा हुआ है ..!
विश्वास है जाँच प्रतिवेदन  में इन शंकाओ का समाधान होगा ..!
फालोअप --
[बरेली स्थित इंडियन वेटनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट ने पुष्टि एक पखवाड़े बाद ये पुष्टि का दी है की ये मौते एंथ्रेक्स से नहीं सवाल अनुतरित है की आखिर ये मौत का क्या कारण है. अब जाच के बिंदु हैं .. बाड़े में क्या को कुत्ता या कोई जानवर घुसा था जिसकी वजह भगदड़ में जो कमजोर थे वो मारे गए अथवा  चीतलो के दाना-पानी कुछ विषक्त था जिसका असर कमजोर जीवों पर पड़ा और वो मारे गए,मजबूत बचे रहे }

Wednesday 1 January 2014

अचानकमार टाइगर रिजर्व में 'झाड़ू जिंदाबाद' ..




छतीसगढ़ के इस टाइगर रिजर्व के ह्रदय में बसे वन्यगाँव छपरवा में छात्र-छात्राओं ने स्कूल के आसपास झाड़ू लगाकर सफाई की, फिर शाला में झाड़ू को धन मानते हुए शपथ ली .आयोजन से सूत्रधार दिल्ली विवि के रिटायर्ड प्रो. पीडी खैरा थे..!

प्रो. खैरा, अचानकमार में आदिवासियों के उत्थान के लिए कोई ढाई दशक से लमनी में रहते हैं और वहां से छपरवा में इस स्कूल में छात्रो को मानसेवा में पढ़ते हैं. आयोजन में छात्रों ने ये भी शपथ ली कि, छपरवा में लगाने वाले साप्ताहिक बाजार को वो गोद लेंगे और वहां स्वच्छता बनाये रखेंगे ..!

नए साल के प्रथम दिवस आयोजित इस कार्यक्रम में सामूहिक भोज का भी आयोजन किया गया था.जिसे छात्राओं ने तैयार किया..! यद्यपि आयोजन को गैर राजनीतिक कहा जायेगा.पर ये उतना नहीं लगा, वन्य अंचल की ये पीढ़ी जानती है कि. झाड़ू आम पार्टी का चुनाव चिन्ह है और अरविन्द केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री हाल में बने हैं ..!

छतीसगढ़ के इस टाइगर रिजर्व के ह्रदय में बसे वन्यगाँव छपरवा में छात्र-छात्राओं ने स्कूल के आसपास झाड़ू लगाकर सफाई की, फिर शाला में झाड़ू को धन मानते हुए शपथ ली .आयोजन से सूत्रधार दिल्ली विवि के रिटायर्ड प्रो. पीडी खैरा थे..!