Friday 10 October 2014

मवेशी की घंटी बाघ के लिए जानलेवा


ये सत्य है पर निवेदन ही ये बात ज्ञान के लिए है शिकार के लिए नहीं ,,,!
छतीसगढ़ ही नहीं और भी कई जगह होगी जहाँ तंग करने वाले या आदतन झुण्ड दे भाग जाने वाले मवेशी के गले में लकड़ी की बड़ी सी घंटी बांध दी जाती है,जब वो चलता है तो इसकी खड़-खड़ की ध्वनि दूर तक सुनाई देती है ,,रात जंगल में बिछड़े किसी मवेशी के गले में बधी ये घंटी तो मील भर दूर से सुनाई देती है ..!

मवेशी 'बदरी' से बिछड़ा तो चरवाहा इस आवाज को सुन तक उसको हांक ले जाता है ..पर बाघ भी इस आवाज को खूब पहचानता है और वो भी बिछड़े मवेशी तक जंगल में पहुँच जाता है ..कभी जब शिकार होता था तब शिकारी इस घंटी को ले कर रात मचान में बैठता...मचान के नीचे कुछ दूरी पर पड़वा बांध रखता.. ये जगह वो होती जहाँ से रात को बाघ की संभवित आवाजाही रहती है ! शिकारी मचान से रह-रह कर इस घंटी को बजता..बाघ आदतन इसकी आवाज पहचानता है वो किसी बिछड़े मवेशी की तलाश में उस जगह पहुँच जाता... जहाँ शिकारी रात मचान में चढ़ा होता और जानवर बांध कर इंतजार कर रहा होता, जैसे बाघ बंधे जानवर पर टूट पड़ता शिकारी की गन गरजती और एक बाघ कम हो जाता o,,!

शिकार प्रतिबंधित है.फिर भी बाघ बढ़ नहीं रहे याने साफ है बाघ मारे जातें हैं  ..इस पोस्ट को पढ़ कर आला अफसरान यदि सेंचुरी और टायगर रिजर्व में मवेशियों के गले से घंटी बंधना प्रतिबंधित कर देते हैं  तो शिकार का एक दरवाजा बाद हो जायेगा ,,!  निवेदन बाघ को बचाने में जुटे मेरे मित्र भी इस और प्रयास करें..!]

Thursday 9 October 2014

एक नवम्बर से पार्क खुलेगा



एक नवंबर से अचानकमार टाइगर रिजर्व सैलानियों के लिए फिर खुल जायेगा,वाइल्ड लाइफ वीक में पेंटिग स्पर्धा में विजयी रहे छह प्रतिभागियों को तब इस पार्क की सैर कराई जाएगी ,, पार्क के फील्ड डायरेक्टर तपेश झा ने वाइल्ड लाइफ वीक के समापन समरोह में शालेय छात्रो को विश्वास दिलाया की पार्क में अगले साल जब वे पालीथीन चुनने आयेंगे तो स्वच्छता मिलेगी..आयोजन बिलासपुर के आईएम्ए हाल में कल शाम हुआ. उन्होंने कहा पार्क में टाइगर की संख्या बढ़ने पर ही उनके और उनकी टीम के कार्यो को सफलता मिलेगी ..!

वन विभाग और नेचर क्लब की सहभगिता में इस अवसर पर वन्यजीवों को फोटो लगाई गई थीं जो स्थानीय शौकिया फोटोग्राफर के वन्यजीवन के जुड़ाव को प्रदर्शित कर रहीं थीं ,,इस अवसर पर पार्क के अधिकारी सी एल अग्रवाल श्री शर्मा, श्री नाथ के अलावा वाइल्ड लाइफ लवर मनसूर खान .प्रथमेश,अनुराग,विवेक जोगलेकर,अमिताभ गौड़,उपेन्द्र दुबे, शैलेश शुक्ला ,शिरीष,उदय श्याम कोरी .और बड़ी संख्या में मीडियामेन तथा वन्य प्राणी सप्ताह को सफल बनाने वाले छात्र-छात्राए उपस्थित थीं ..जिन्हें प्रमाण पत्र वितरित किये गए !एक फोटो मेरी दो इधर-उधर से मिलीं ]