Wednesday 31 December 2014

बकरी माँ ने चीतल शावक को बचाया

छतीसगढ़ के बिलासपुर जिले  क  जू कानन  पेंडारी में बकरी ने माँ बनकर  अपनी माँ से बिछड़ कर यहाँ पहुंचाए चीतल शावक की जान बचाई ,,पाली के जंगल में ये शावक माँ से अलग होने के बाद  भटक गया था ,,जो किसी वन कर्मी को मिला ,,जब ये बच्चा जू पंहुचा तब भूखा था ,,जू के रेंजर टीआर जायसवाल और डाकटर पीके चन्दन  ने उसके लिए एक बकरी माँ का इंतजाम किया और इस माँ ने उसे बचा लिए है ,,इसके पहले एक लायनेस ने जब  अपने बच्चे को दूघ नहीं  पिलाया तब उसके लिए कुतिया माँ का प्रबंध किया गया था ,,ये  शावक  प्रिंस नाम का शेर बन चुका है और पांच साल का है ,,

Monday 29 December 2014

किसान की जंगल में परेशानी



खेत में इतने कपड़े, क्या वो घर के कपड़े किसान सूखा रहा है,ये ऐसी कोई बात नहीं,दरअसल ये मामला कुछ अलग है ,,!
कल जब हम खोंद्रा के जंगल पहुंचे तो कुछ पल के लिए हैरत में आ गए,पर बाद मामला समझ आया किसान ने आलूं बोये है फसल तैयार है और वन्य प्राणी रात आ कर चर न जायेया बर्बाद न करें इसलिए ये सब किया है !

,अपने घर के कपड़ों के आलावा किसानों ने चुनाव के बेनर पोस्टर भी खेत में लगा दिए हैं ताकि वन्यजीवों विशेषकर  भालू और  जंगली सूअर आलू चाव से खाते हैं, जबकि चीतल दीगर फसलों  को सफाचट कर  जाते  है ,,, को लगे यहाँ आदमी हैं और वे दूर रहें ,,,! हाय अन्नदाता तेरी मज़बूरी और ये हालत..!!

Saturday 6 December 2014

चीतल के शावक ठण्ड में हुए




'' कुदरतबिगाड़ती है, तो संवारती भी है,उसने शिकार और शिकारी के बीच बराबरी का खेल रचा है !!
बीते साल ठंड में बिलासपुर के चिड़िया घर कानन पेंडारी में 21 मादा चीतल और उनके छौनों की मौत हुई थी,तो इस बार यहाँ ठण्ड में एक पखवाड़े में सात छौनों का जन्म हो चुका और उनका परिवार बढ़ कर 47 हो चुका है,कुछ छौने और होने वाले है ,,! इनकी ममता में अपने पराये का बच्चों के साथ कोई भेद नहीं.. माँ दूजे के बच्चे को भी अपना दूध पिला देती हैं ,!
चीतल के छौने जन्म लेने के बाद आधे घंटे में खड़े हो जाते हैं, और चौबीस घंटे में कुछ दौड़ने योग्य ,,कुदरत ने ये खूबी इसलिए दी है की वो हिंसक जीवों से अपनी रक्षा कर सकें,जब कि हिंसक जीवों की शावक अविकसित जन्म लेते हैं,आँखे बंद और लाचार से ..यदि वो चीतल के छौने की तरह विकसित होते तो माँ शिकार के लिए गर्भावस्था में फुर्ती खो बैठती ,,! वाह रब.. तेरा निजाम, उसको सलाम ..!!
[फोटो सौजन्य- टीके जायसवाल ]

Tuesday 2 December 2014

अचानकमार,खुला बेरियर लगा आदेश




अचानकमार टाइगर रिजर्व के मुहाने में बसा शिवतराई जहाँ एक बेरियर खुला है और कोई गार्ड नहीं,याने इस रस्ते बेरोकटोक पार्क में घुसपैठ हो सकती है ..! मैंने रविवार को इस राह से लकड़ी भरा ट्रक इस राह से निकलते देखा जिसमें ऊपर 'जलावन के गठ्ठे रखे थे', फोटो में इस राह में वाहनों के टायर के निशान सड़क पर दिख रहे है ,, ! पता चला मानसून में जब पार्क बंद हुआ तब बेरियर में गार्ड तैनात था फिर पार्क शुरू हुए एक माह हो गया है कोई माई-बाप नहीं है ,,!
जो ट्रक लकड़ी ले कर निकला वो वैध ये या अवैध या पता नहीं पर बेरियर की इस राह से 14 किमी भैंसाघाट होते हुए सिहावल सागर और जलदा ,छपरवा तक जाया जा सकता है..जब बिलासपुर-अमरकंटक सड़क के 'चौरहे' के बेरियार का ये आलम है तो भीतर में यदि कोई बेरियर होगा तो वो क्या इससे अलग होगा ,,!
कुछ ने बताया इस राह पर पहले खाई खोद दी थी पर अब वो भी पाट दी गई है ,! ये इलाका वो है जहाँ वन्यजीव दिखाई देते हैं ,,,! जरा सी लापरवाही उनकी सुरक्षा में सेंध साबित हो सकती है ,,!