Tuesday 7 July 2015

वनस्पति और जीव एक दूजे के लिए



विश्व में एक दूजे के लिए कुदरत ने जो बनाया है.. उसे समझने एक जीवन छोटा लगने लगा है, कल सुबह अपने फ़ार्म हॉउस गाँव मंगला  में मुझे 'एक दूजे के लिए' की एक नई जोड़ी से परिचय हुआ,,आप देखी, आप के साथ ,,,! कैसे वनस्पति और जीव एक दूसरे के लिए बने है ..

रात रानी रात खिली और सुबह कोई अनजान पतंगा, उसके फूलों का रस चूसने पहुंचा, न वो भौंरा था और न वो तितली, करीब ढाई इंच लम्बा, और एक इंच के पंखों का जोड़ा, छोटे पंख और भारी शरीर कहीं से वो उड़ने के काबिल नहीं.. कम से कम वायुगातिका के नियम से,,पर गजब की उड़न वो इन पंखों से आगे-दांये-बायें नहीं पीछे भी उड़ता और सामने छोटे से अंग से वो रातरानी के फूल के भीतर से कुछ रस लेता जाता,,! कोई आधे घंटे तक वो बिना रुके फूल-फूल तक उड़ता रहा..!

एक मिनट में बीस जगह कम से कम, फूलों तक जाता पंख का कुशल संचालन और गति इंतनी की दिखाई न दे,,कैमरे की गति कम पड़ गई ,,! फिर रंग भी रातरानी के रंग से मिलता जुलता हरा.. फोटो जो ली वो आपके समक्ष हैं, दोस्तों आप में कोई कीट वैज्ञानिक हो या इस खूबसूरत कीट के नाम से परिचित हो तो जरूर बतायें ..!!