Thursday 12 June 2014

विदेशी परिंदों की देश में बिक्री ..


वाईल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट केवल देश में पाए जाने वाले परिंदों के लिए लागू है,विदेशी पक्षी यदि किसी तरह कस्टम से पार हो गए तो उनकी बाजार में खरीद-फरोख्त हो सकती है.कानून इस पर लागू नहीं होता,यदि इसको पकड़ा भी जाये तो अदालत में मामला नहीं ठहरता, ये बात कल यहाँ TRAFFUIC india और अचानकमार टाइगर रिजर्व दवारा बिलासपुर में आयोजित 'कार्यशाला' में सामने आई,अब संसद में विदेशी परिंदों की खरीद फरोख्त रोकने नियम बनेगा ..! भारत में मलेशिया का काकातुआ तीस हजार की करीब और मकाऊ पैरट एक लाख रुपये के आसपास विक्रय होता है. जो बिलासपुर तक के बाजार में भी प्रदर्शित है ..नाट फार सेल लिखा है उसके पास ..! बड़ा अजीब है जिसकी तस्करी अवैध उसका प्रदर्शन और भारत मैं उसकी खरीद फरोख्त कैसे हो सकती है ..? 

वन्यप्राणी कानून 1972 में लागू हो गया और विदेशी परिंदे अब तक तस्करी कर लाये और ऊँची कीमत में बाज़ार में खरीदे बेचे जाते है,,! इनकी आड़ में देसी भी .! चलता है,,की मनासिंकता ने ये सब चलने दिया है,,न जाने कब कानून बनेगा और कब परिंदों को मुक्ति मिलेगी ..! विश्व में नौ हज़ार परिंदों की प्रजातियाँ है और भारत में तेरह सौ प्रजातियाँ पाई जाती है..! [पक्षी बचाईये,फोटो गूगल से]

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