Sunday 1 June 2014

एलिफेंट शो की सम्भावना






स्थान - अचानकमार टाइगर रिजर्व का सिहावल सागर जो मनियारी नदी की उद्गम स्थली है,,
समय-संध्या पांच बजे. नौतपा का दिन 
राजनादगांव से पकड़ा गया उत्पाती युवा हाथी,राजू तपिश कम करने सिहावल सागर में स्नान क़र रहा है,उसके निकलने का वक्त हो गया है,महावत पुकार लगता हैं,राजू वापस आओ..पर राजू सूंड में पानी की फुहारा लगता है फिर गहराई में चला जाता है ..हर पुकार के साथ राजू दूर होता जाता है पानी से निकलने के नाम नहीं लेता..!
मुझ्रे बचपन याद आ गया,माँ बारिश के पानी में खेलने से मान करती तो हम दूर भाग जाते कहीं माँ आकर पकड़ न ले.!
मैंने महावत सीताराम से कहा- आखिर राजू कब निकले गया..?
वो बोला- अब ये उसकी मर्जी पर है ..
मैंने पूछा नाराज है क्या ?
वो बोला नाराज होता है तो उसे पुचकार के या कुछ खिला कर मना लेते हैं..
पर ये शाम को नहाने के मूड में सुन नहीं रहा..!
एटीआर में और सैलानी यहाँ हाथी राजू की जलक्रीड़ा उत्सुकता से देख रहे है,हाथी कुशल तैराक होते हैं.संध्या तक हाथी इस सागर में डुबकी लगा कर लहरें पैदा करते और सब हैरत से उसे देखते रहे,,! जब वापस में एटीआर के गेट पर पंहुचा तो डीऍफ़ओ हेमंत पाण्डेय मिल गये ..!
,इस समय एटीआर में चार हाथी हैं ..मैंने चर्चा में डीऍफ़ओ से कहाँ, विदेश में डाल्फिन शो की भांति यहाँ एलिफेंट शो हो सकता है ..सारे सैलानी पार्क बंद होने के पहले सिहावल सागर पहुंचे और हाथियों की जलक्रीडा का लुत्फ़ ले ,अंत हाथी सूंड में पानी भर कर सैलानियों पर छिड़काव करे..इस फुहार की याद सैलानियों की जीवन भर याद रहेगी ..!
हेमंत पाण्डेय जी इस शो के बारे में जानते थे,अलबत्ता उसके मोबाईल में whatsapp में ये था,, उनको ये विचार पसंद आया कहा-हाथियों की इसके प्रशिक्षण में छह माह लगेंगे और अगली बार मानसून बाद जब एटीआर के दरवाजे सैलानियों के लिए खुलेंगे उसके बाद तक ये शो शुरू हो जायेगा ..!!

No comments:

Post a Comment