''वन्य प्राणी सप्ताह के पहले छात्रों न अचानकमार टाइगर रिजर्व से गुजरने वाले सड़क के दोनों तरफ से प्लस्टिक,पोलीथीन जैसे पदार्थ बोरी भार भर के चुने..ये सब उने सैलानियों की करतूत जो पार्क में वो कचरा फैंक जाते हैं जिसे खा कर वन्यजीव बेमौत मरने की आशंका रहती है..! पार्क को सैरगाह मान कर सड़क के किनारे शराबखोरी करने वालों की खाली बोतलें और 'चखना' के खाली पैकट भी बड़ी तादात में चुने गए ,,!
करीब पैसठ किलोमीटर लम्बी इस सड़क पर बिलासपुर के प्रतिष्ठित सिद्धि विनायक संसथान, कोटा के डीकेपी केवंची के आदिवासी छात्रावास के 160 छात्र- छात्राएं शामिल हुई,, सबको एक निश्चित दूरी में अलग जत्थे में ये काम करना था. विभाग और नेचर क्लब बिलासपुर द्वारा आयोजित इस आयोजन में छात्रों को वनसम्पदा से परिचय कराया गया..! अचानकमार का रेस्ट हॉउस अब म्यूजियम में तब्दील हो गया है,उसे भी सबने देखा ,,!
कार्यक्रम के अंत में पार्क के अधिकारी सीएल अग्रवाल ने छात्रों को सम्बोधित किया ,उन्होंने छात्रों से अनुभव व सुझाव भी चाहे आयोजन की सफलता में नेचर क्लब के संयोजक मंसूरखान,विवेक जोगलेकर, अक्षय अलकरी,विक्रम दीवान अमिताभ गौड़ ,स्कूल स्टाफ, वन अधिकारी पीके केशर ,रेंज आफिसर नाथ जुटे रहे ..!