''कौन मानेगा जिसकी माँ शेरनी ने अपने शावक को पैदा होने के बाद दूघ न पिलाया हो और कुतिया माँ के दूध पर पला हो वो बड़ा हो कर जब गरजेगा तो पूरे चिड़ियाघर में दहाड़ गूंजेगी, ये है- बिलासपुर के कानन पेंडारी जू का 'प्रिंस'..करीब पांच साल का है ओर ये शेर दो शावकों का पिता बन चुका है. इसे करीब से देखने में दहशत होती है,,!
इसकी माँ,यमुना और पिता सुलतान को कोरबा जिले में आये किसी सर्कस से यहाँ लाये गए थे, माँ ने पैदा होने के बाद जब शावक को दूध न पिलाया तब उसके लिए अलग कर 'गोल्डन रिटीवर' नस्ल की कुतिया माँ का इंतजाम किया गया,,उसका एक पिल्ला तब प्रिंस से उम्र में बड़ा था,कोई 45 दिनों में प्रिंस खेल में उसे पर भारी पड़ने लगा,अगले एक माह में उसकी ये माँ खेल में उससे थक जाती,,! तब तक ये मांस खाना सीख चुका था और फिर इस माँ को भी अलग कर दिया गया ,,!
प्रिंस आज भी जू कीपर रमेश साहू और सोनू यादव को पहचानता है और उनके दुलार का भूखा है,डिप्टी रेंजर ठा विश्वनाथ सिंह भी उसके बचपन का साथी है जिसे कैज के करीब देख वह दौड़ कर पास चला आता है. उनके सहलाने पर प्रिंस खुश होता है,उन्होंने बताया जब तक प्रिंस अपनी शेरनी से नहीं मिला था उसका बर्ताव हमसे बच्चे के समान था पर अब वो ' मर्द' है ओर बरताव बदल गया है,, वो दबंग हो चुका है ..लोग तो दूर से ही उसे देखते हैं,
[फोटो - उपलब्ध, जू के अधिकारी रेंजर श्रीजायसवाल से जो अच्छे फोटोग्राफर भी हैं]