वाईल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट केवल देश में पाए जाने वाले परिंदों के लिए लागू है,विदेशी पक्षी यदि किसी तरह कस्टम से पार हो गए तो उनकी बाजार में खरीद-फरोख्त हो सकती है.कानून इस पर लागू नहीं होता,यदि इसको पकड़ा भी जाये तो अदालत में मामला नहीं ठहरता, ये बात कल यहाँ TRAFFUIC india और अचानकमार टाइगर रिजर्व दवारा बिलासपुर में आयोजित 'कार्यशाला' में सामने आई,अब संसद में विदेशी परिंदों की खरीद फरोख्त रोकने नियम बनेगा ..! भारत में मलेशिया का काकातुआ तीस हजार की करीब और मकाऊ पैरट एक लाख रुपये के आसपास विक्रय होता है. जो बिलासपुर तक के बाजार में भी प्रदर्शित है ..नाट फार सेल लिखा है उसके पास ..! बड़ा अजीब है जिसकी तस्करी अवैध उसका प्रदर्शन और भारत मैं उसकी खरीद फरोख्त कैसे हो सकती है ..?
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