बिलासपुर[छतीसगढ़] के जूलाजिकल गार्डन कानन पेंडारी में रसल वाईपर सांप के 7 सपोले जन्मे हैं. इस प्रजाति के सांपो के विषय में माना जाता है कि. वे सीधे बच्चे देते है,पर यहाँ जो मामला सामने आया है वो कुछ भिन्न है,पतले लिजलिजे अंडे से ये सपोले कुछ मिनट बाद खुद बाहर आये फिर एक ही दिन में इनकी लम्बाई छह इंच से बढ़ कर एक फिट के करीब हो गई ,,पहले फोटो में वो कोमल कवच है जिसे से सपोले निकले है, दूसरी फोटो में स्वस्थ सपोले और तीसरी फोटो गूगल से ली गई है,,!
डीएफओ हेमंत पाण्डेय ने बताया कि इस पार्क में नौ प्रजातियों के पैसठ सांप रखे गये हैं,जिनके शीतकाल की सुसुप्तावस्था लिए 'हाइबरनेशन केज' बनाये गए हैं,,! वाईपर भारत का जहरीला सर्प है, इसकी पूंछ में विशेषता होती है कि ये उसके सेल को रगड़ के झुनझुनाहट भरी ध्वनि कर सामने वाले को खतरे की चेतावनी देता है, मुझे याद है कोई तीस साल पहले हमारे केले की बगान में एक बड़ा वाईपर पकड़ा लिया गया,,मैं जब उसे किसी को दिखने के लिए बोरे कप ऊपर से खोलता तो वो खतरे की चेतावनी देता ,,! एक सपेरे को जब मैंने ये सांप देना चाहा तो वो बोरे से सांप देखने के बाद दो कदम पीछे हट कर बोला,,' दे ह पोसे के सांप नो है'.!! बहरहाल जो सपोले पार्क के पर्रिवार में आये है उसको हाइबरनेशन केज में शिफ्ट किया है,,!!
नेट से मिली जानकारी के अनुसार--वाइपर जाति के एक किस्म के सांप के सिर पर एक छोटी सी हड्डी ऊपर उठी हुई रहती है , जो सींग जैसी लगती है। अत: उससे सींग वाले सांप का भ्रम होता है।
वाइपर जाति का रेगिस्तान में रहने वाला सांप बहुत खतरनाक होता है। उसकी पूंछ में कई छल्ले बने हुए होते है, जब वह चौंकता है या उत्तेजित होता है तो उन छल्लों में कंपन से जोरदार झनझनाहट की आवाज आने लगती है, शायद इसलिए इसका नाम रेटल स्नेक झुनझुना सांप पड़ा।''
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