स्वास्थ्य के लिए खतरनाक छातिम का पेड़ छतीसगढ़ में छा गया है,अब इसके लगाने पर सवाल उठ रहे है,छातिम को सतावन या सप्तपर्णी भी कहा जाता है..ये नाम इसकी सात या सात से आधिक पत्तों के साथ होने के वजह से है,अब ये माना जाने लगा है कि इसके हवा में उड़ते परागकण से मानव को श्वांस संबधित रोग होते है,सर्दी-खांसी भी इस वजह होती है,,!
राजधानी रायपुर में छातिम को उखड़ फेंकने का अधिकारीयों ने दावा किया गया है,लेकिन बिलासपुर शहर में ये गली-कूचों में लगा है,दीगर शहरों का भी यही हाल है,दरअसल ये पेड़ जल्द बढ़ता है,मवेशी नहीं खाते,और छायादार है,इस लिए सड़कों के किनारे कुछ सालों में सरकारी तौर पर इसे खूब लगाया है..! सरकारी बागीचे,सड़क के दोनों तरफ रेलवे का इलाका सब में छातिम छाया है ,! सुबह सैर करने गए और रोग ले आये..!
छातिम के कुछ तरफदार भी हैं,जो इसे औषधीय गुणों वाला भी बताते है,पर गुण क्या हैं ये नहीं बता पाते..! छतीसगढ़ के एक अख़बार ने तो इस पेड़ को देश के शहरी इलाके में बेन कहा है दूसरे ने इसे 'राक्षसी पेड़' बहरहाल इस पेड़ के फूल बरसात बाद आयेंगें,,! तब तक इसके भाग्य का फैसला हो जायेगा ,,! लेकिन जिन्होंने इसे बड़े पैमाने पर लगवाया है उनका कभी बाल बांका नहीं होगा,,![फोटो नेट से साभार]
इसके बारे मे पुरी जानकारी चाही
ReplyDeleteऐ इसका वर्गीकरण भी चाहीऐ
यह गलत है इससे कोई हानि नही है हमारे यहां बहुत है
ReplyDeleteयह बहुत अच्छा सुदंर छत्रछाया वाला वृक्ष है
ReplyDeleteपता नहीं दुनिया इसे कयों गलत बताती हैं
अंधविश्वासी लोग
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