Monday, 16 March 2015

रोजी स्टारलिंग, विमुख नहीं बेलमुड़ी से




प्रवासी रोजी स्टारलिंग [गुलाबी मैना/तिल्यर] अपने प्रवास पथ से विमुख नहीं हुए है और वापसी उड़ान के पथ में बेलमुड़ी को पड़ाव बनाये है. बेलमुड़ी गाँव बिलासपुर शहर से कोई चौदह किमी दूर है जहाँ वे हजारों की संख्या में पड़ाव डालते है. दो साल पहले इन्ही दिनों उनको देखने मेला लगा जाता.

नतीजन उनके प्राकृतिक परिवेश में इस खलल के कारण, विगत साल वे कम आये कब आये और गए पता ही नहीं लगा. लेकिन इस साल जाते वसंत को वो गुलजार कर रहें है.! वो परिचत पीपल और बबूल के पेड़ पर झुण्ड में रुकते है और यहाँ के जलाशय में  उगी एलिफेंट ग्रास में रात महफूज ठिकाना करते है ,,,!

रोजी स्टारलिंग प्रवासी पक्षियों में सबसे पहले बड़े झुंडों में भारत आने वाले पक्षी है.छत्तीसगढ़ में ये वसंत के पहले दिखते हैं, टेसू व सेमर के फूलों का रसपान,पीपल बरगद के फल खाते वक्त ये चहचहाते है पर कोई करीब आये तो सब खामोश हो जाते हैं,इन दिनों झुण्ड में तेज लहरेदार उड़ान भरते हुए ये मेहमान यूरोप और पश्चिम था मध्य एशिया को कूच करते हैं जहाँ मई-जून प्रजनन करते है,,!

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