ये फोटो एक विशालकाय नर बाइसन की है जो खुरहा चपका रोग से पीड़ित लगता है, फोटो तीन दिन पहले 24 अप्रेल को अचानकमार टाइगर रिजर्व से गुजरने वाली बिलसपुर-अमरकंटक सड़क के गाँव लमनी से पहले दियाबार सड़क के करीब ली गई है..ये नर बाइसन पिछले पैर एक और सामने के के पैर से लड़खड़ा के चल रहा था और मुंह से झाग निकल रहा था[फोटो में भी दिख रहा है] ये लक्षण मवेशी को होने वाले रोग खुरहा-चपका के है..! ये रोग एक मवेशी से दूजे को फैलता है और जानवर की दर्दनाक मौत हो जाती है..! बीमारी की वजह ये कमजोर लगा, क्योंकि पसलियाँ भी दिख रही थीं ..!
वेटनरी विभाग के अनुसार ये fmd डिजीज है और इनदिनों फैली हुई है..बिलासपुर के करीब बसे गौकुल नगर के दुधारू जानवर भी इससे पीड़ित है. घरेलू मवेशियों और जंगल के इन जीवों में एक दूजे जो इस रोग के फैलाव का खतरा बन रहता है..मेरी जानकारी में कोई ढाई दशक पहले शिव तराई और बारीघाट के बीच के जंगल में ये बीमारी फैली थी तब इस इलाके में बड़ी तादात में वन्यजीवों की मौजूदगी था और बाइसन बुरी मौत मर थे ..!#
#[ये उन दिनों की बात है जब शेर दिल अधिकारी एम् आर ठाकरे इस अचानकमार सेंचुरी के इंचार्ज थे और पत्रकार अमित मिश्र,अनिल पाण्डेय सहित मित्रो का दल गाहे-बगाहे जंगल जाता था]
वेटनरी विभाग के अनुसार ये fmd डिजीज है और इनदिनों फैली हुई है..बिलासपुर के करीब बसे गौकुल नगर के दुधारू जानवर भी इससे पीड़ित है. घरेलू मवेशियों और जंगल के इन जीवों में एक दूजे जो इस रोग के फैलाव का खतरा बन रहता है..मेरी जानकारी में कोई ढाई दशक पहले शिव तराई और बारीघाट के बीच के जंगल में ये बीमारी फैली थी तब इस इलाके में बड़ी तादात में वन्यजीवों की मौजूदगी था और बाइसन बुरी मौत मर थे ..!#
#[ये उन दिनों की बात है जब शेर दिल अधिकारी एम् आर ठाकरे इस अचानकमार सेंचुरी के इंचार्ज थे और पत्रकार अमित मिश्र,अनिल पाण्डेय सहित मित्रो का दल गाहे-बगाहे जंगल जाता था]
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