Saturday 20 April 2013

इनके बच्चे बूढ़े माँ बाप को क्यों नहीं छोड़ते

छतीसगढ़ और मध्यप्रदेश के घने जंगल में सदियों से रहने वाले बैगा आदिवासी सही अर्थों में वनपुत्र है,मीलों दूर जंगल में सफ़र तय कर अचानकमार टाइगर रिजर्व के गाँव छपरावा  के हाट-बाजार में बैगा महिला  अपने मासूम बच्चे को बांधे पहुंचती  हैं .जिनके बच्चों ने अपनी माँ की गोद में बंधे जीवन का पाठ शुरू किया हो,.उसने देखा हो कितने अभाव के बीच माँ के दूध के बल पर उसने पग-पग चलाना सीखा,ऋतुओं के प्रकोप से माँ ने किस प्रकार सुरक्षा की ,वो बालक क्या बड़ा होने पर अपनी माँ को क्या जीवन की संध्या में अकेला छोड़ेगा ..! कदापि नहीं .. !

1 comment:

  1. आशा है, बालक मां के लिए सुख का साया बनेगा.

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