Tuesday 23 April 2013

3055 रूपये में बना बंगला सौ साल से खड़ा



कोई मानेगा कि जंगल में दो कमरे ,बीच भोजन कक्ष का आलीशान बंगला मात्र  तीन हजार में बना होगा.नहीं न पर ये सच है,आज से सौ साल पहले ये डाकबंगला 3055रु. 8आना 5पैसे[पाई]की लागत से बना है,ये डाकबंगला बिलासपुर-अमरकंटक सड़क मार्ग में 85 किलो मीटर दूर गाँव लमनी में खड़ा है. ब्रिटीश वास्तुशिल्प से निर्मित इस डाक बंगले का निर्माण जून 1913 में हुआ था.ये इस बंगले का शताब्दी साल है, जून में सौ साल पूरे होने हैं . सौ साल से ये सुंदर बंगला आज भी जवान है. यहाँ रुकने वाले ने सौ साल तक अमरकंटक की घाटी की शीतल हवा का गर्मी के ऋतु में भी उठाया.मगर वन्यजीवों को बचाने सुप्रीमकोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए अचानकमार टाइगर रिजर्व के इस सरहदी डाक बंगले में रात्रि आवास प्रतिबंधित कर दिया गया. [ऊपर की फोटो- डाक बंगला ,नीचे  डाक बंगले का ब्यौरा.]

3 comments:

  1. चलो अच्छा है कि बंगले पर कोई आंच नहीं आई. इस तरह की राष्ट्रीय धरोहरों को संजो कर रखना ही चाहिए.

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  2. वन भी अपने साथ सभ्‍यता के धरोहर सहेजे है.

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  3. इस लेख पर विस्तृत जानकारी "बघवा" पत्रिका के तृतीय अंक (पृष्ठ 14-15) पर प्रकाशित है। आवश्यकतानुसार अवलोकन किया जा सकता है।

    आलोक शर्मा, संपादक
    बघवा

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